धर्मविज्ञानतकनीकऔर भौतिक सुख सुविधाओं के क्षेत्र में मनुष्य निश्चित ही प्रगति एवं बुद्धि की पराकाष्ठा को छू रहा है परन्तु स्वास्थ्य के मामलों में वह भयंकर रूप से पिछडा हुआसामान्य बुद्धि के स्तर से नीचे गिरा हुआजानवरों से भी बदतर हालत में है जिसका बहुत बडा एक कारण  है विकृतपके हुए आहार एवं औषधियों का सेवनजो प्रकृति के सरल जीवनदायी नियमों के प्रति नासमझी और उसके अवहेलना का परिणाम ही है।